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Sur Shyaam

- Surdas ke jeevan per aadharit upanyas (¿¿¿ ¿¿¿¿¿ : ¿¿¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿ ¿¿ ¿¿¿¿¿¿ ¿¿¿¿¿¿¿)

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 234 sider

Beskrivelse

'मुझे किसी की तपस्या में व्यवधान बनने का क्या अधिकार था ? मेरा मन आपको देखते ही आकृष्ट हो गया था। आपको पाना मेरा लक्ष्य बन गया था। मैं उसके लिए जो कर सकती थी, वह मैंने किया। आपके मन के चलायमान होने का मैं कारण हूँ। मैं तब भूल गई थी कि मैं क्या करने जा रही हूँ। रात को आई थी तो प्रणय निवेदनार्थ। मेरी नियति बंधनमयी है। मेरे संस्कार बंधनमय हैं। मैं विघ्न स्वरूपा हूँ। माया मेरी वृत्ति है। योगीराज, मैं अपनी इयत्ताओं को भूलकर अनधिकार चेष्टा कर उठी थी, उसका फल मुझे ही मिलना चाहिए।'

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Detaljer
Størrelse og vægt
  • Vægt336 g
  • Dybde1,4 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    14 cm
    21,6 cm

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    Machine Name: SAXO080