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Beskrivelse
मानव-जीवन में 'स्मृतियाँ' प्राण-बिन्दु है। उसी के आधार पर सम्पूर्ण भावुकता के साथ चमत्कार शब्द-सौष्ठव का जो निर्देशन किया गया और उसमें सरस-अभिव्यक्ति हुई है उसी की पृष्ठभूमि में 'बीते पल को तो, क्षण भर चुप रहने दो' की संरचना की गयी है। जीवन-यात्रा में प्रियतम के मिलन का कोई स्थान नहीं मिल पा रहा है, इसीलिए सम्पूर्ण काव्य-संग्रह वियोग-रस से आपूरित नवीन सम्भावनाओं की ओर उन्मुख है। इसमें नवीन-दृष्टियों के साथ 'प्रकृति' के ब्याज से कोमल-भावनाओं की पीड़ाओं का दर्शन कराया गया है।