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Satya Ke Sath Mere Prayog

- Gandhi, M: Satya Ke Sath Mere Prayog

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 216 sider

Beskrivelse

मैं जो प्रकरण लिखने वाला हूँ, इनमें यदि पाठकों को अभिमान का भास हो, तो उन्हें अवश्य ही समझ लेना चाहिए कि मेरे शोध में खामी है और मेरी झाँकियाँ मृगजल के समान हैं। मेरे समान अनेकों का क्षय चाहे हो, पर सत्य की जय हो। अल्पात्मा को मापने के लिए हम सत्य का गज कभी छोटा न करें। मैं चाहता हूँ कि मेरे लेखों को कोई प्रमाणभूत न समझे। यही मेरी विनती है। मैं तो सिर्फ यह चाहता हूँ कि उनमें बताए गए प्रयोगों को दृष्]टांत रूप मानकर सब अपने-अपने प्रयोग यथाशक्]ति और यथामति करें। मुझे विश्]वास है कि इस संकुचित क्षेत्र में आत्मकथा के मेरे लेखों से बहुत कुछ मिल सकेगा; क्योंकि कहने योग्य एक भी बात मैं छिपाऊँगा नहीं। मुझे आशा है कि मैं अपने दोषों का खयाल पाठकों को पूरी तरह दे सकूँगा। मुझे सत्य के शास्]]त्रीय प्रयोगों का वर्णन करना है। मैं कितना भला हूँ, इसका वर्णन करने की मेरी तनिक भी इच्छा नहीं है। जिस गज से स्वयं मैं अपने को मापना चाहता हूँ और जिसका उपयोग हम सबको अपने-अपने विषय में करना चाहिए। -मोहनदास करमचंद गांधी राष्]ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य के साथ मेरे प्रयोग हम सबको अपने आपको आँकने, मापने और अपने विकारों को दूर कर सत्य पर डटे रहने की प्रेर

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Detaljer
  • SprogHindi
  • Sidetal216
  • Udgivelsesdato02-01-2021
  • ISBN139789350480526
  • Forlag PRABHAT PRAKASHAN PVT LTD
  • FormatPaperback
  • Udgave0
Størrelse og vægt
  • Vægt295 g
  • Dybde1,2 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    14 cm
    21,6 cm

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