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Beskrivelse
जिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रियों ने साहित्यकार के रूप में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है उनमें श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' का नाम प्रमुख है। साहित्य की विविध विधाओं (कविता, कहानी, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत, संस्मरण, जीवनी, जीवनोपयोगी लेखन आदि) में अपने विपुल लेखन से भारतीयता और भारतीय जीवन मूल्यों की स्थापना करते हुए उन्होंने देश-देशांतर में अपने पाठकों का अपार स्नेह प्राप्त किया है। इस पुस्तक के माध्यम से निशंकजी की अब तक प्रकाशित कृतियों का एक ऐसा अंतरंग पाठ प्रस्तुत किया गया है, जो एक साथ ही अंतरिम भी है और विस्तृत भी। यहाँ देखा जा सकता है कि विविध पाठक-वर्गों की अपेक्षाओं की एक साथ पूर्ति करते हुए निशंक-साहित्य किसी एक सहृदय पाठक के मर्म को किस प्रकार आंदोलित करता है। भूमिका और यवनिका से आबद्ध ग्यारह अध्यायों के शीर्षक मात्र आपको यह आभास करा देंगे कि यह पाठ सर्वथा अधुनातन और अनौपचारिक शैली में लिखा गया है। लेखक से अधिक उसके लेखन पर केंद्रित प्रस्तुत अध्ययन का जब आप पाठ करेंगे तो आप स्वयं भी समूची साहित्य-रचना प्रक्रिया की शास्त्रीय समझ विकसित करते चले जाएँगे। हिंदी साहित्य के संपूर्ण सर्जनात्मक संसार से विश्वसनीय औ