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Nirmala in Gujarati (નિર્મલા)

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • 162 sider

Beskrivelse

अद्भुत कथाशिल्पी प्रेमचंद की कृति 'निर्मला' दहेज प्रथा की पृष्ठभूमि में भारतीय नारी की विवशताओं का चित्रण करने वाला एक सशक्त उपन्यास है। यह उपन्यास नवम्बर, 1925 से नवम्बर, 1926 तक धारावाहिक रूप में प्रकाशित हुआ, किन्तु यह इतना यथार्थवादी है कि 60 वर्षों के उपरांत भी समाज की कुरीतियों का आज भी उतना ही सटीक एवं मार्मिक चित्र प्रस्तुत करता है।

'निर्मला' एक ऐसी अबला की कहानी है जिसने अपने भावी जीवन के सपनों को अल्हड़ कल्पनाओं में संजोया किन्तु दुर्भाग्य से उन्हें साकार नहीं होने दिया। निर्मला की शादी से पहले उसके पिता की मृत्यु हो जाती है। यह मृत्यु लड़के वालों को यह विश्वास दिला देती है कि अब उतना दहेज नहीं मिलेगा जितने की उन्हें अपेक्षा थी... आखिर निर्मला का विवाह एक अधेड़ अवस्था के विधुर से होता है।

इस उपन्यास की एक अनन्य विशेषता-करुणा प्रधान चित्रण में कथानक अन्य रसों से भी सराबोर है।

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Detaljer
Størrelse og vægt
  • Vægt213 g
  • Dybde0,9 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    13,9 cm
    21,5 cm

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    Machine Name: SAXO081