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Beskrivelse
जो समय, काल, परिस्थिति और स्थान से परे है; जो उम्र, लिंग, जाति, धर्म और भाषा की सीमा से परे है, वही सच्चे अर्थ में नीति का निर्माता है। इस संदर्भ में लेखक डॉ. हरीश चंद्र बर्णवाल की पुस्तक 'मोदी नीति' की सार्थकता महत्त्वपूर्ण हो जाती है। 'मोदी नीति' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों का लेखा-जोखा या रिपोर्ट कार्ड नहीं है, बल्कि जो कार्य उन्होंने प्रधानमंत्री रहते पाँच वर्षों में किए हैं, उन्होंने समाज, देश और मानवता को क्या नई दिशा, दशा और गति दी है, इन सबकी जानकारी वृहत् फलक पर देती है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये आँकड़े गिनाते हैं कि किस प्रकार जो कार्य देश में छह दशकों में भी नहीं हुए, वे उन्होंने 4-5 वर्षों के कार्यकाल में कर दिए तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर उन्हीं लोगों, साधनों और संसाधनों के रहते कार्य-संस्कृति में इतना बड़ा बदलाव कैसे आ गया! हम अकसर सुनते आए थे कि इक्कीसवीं सदी भारत की सदी होगी, लेकिन पहली बार यह महसूस भी हो रहा है कि हाँ, यह संभव है। आखिर देश में इतना परिवर्तन कैसे आया? कुछ वर्ष पहले पूरे विश्व में जिस देश की पहचान भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी वाले देश के रूप में होती थी, वह आज अचानक विकास के नए-नए रिकॉर्ड कैसे बê