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Beskrivelse
में माधोभाई, एक पाकिस्तानी हिंदू' पुस्तक पाकिस्तान में वर्षों रहकर और विभिन्]न प्रकार के दुःख-दर्द सहन करके आए हजारों प्रस्थापितों के एक प्रतिनिधि द्वारा कही गई एक हृदयद्रावक परिचर्चा है।यह दर्द सुनने के बाद, पुस्तक के लेखक संजय शेरपुरिया ने हिंदू प्रस्थापितों की इस बस्ती मजलिस पार्क को पूर्ण गाँव के रूप में स्थापित किया, हर तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करवाईं, भूख और बेरोजगारी का इलाज किया। हिंदू भाई-बहनों की इस व्यथा-कथा को अपने शब्दों में समाज के समक्ष पहुँचाने का प्रयास किया। यह सिर्फ उन हिंदुओं की व्यथा ही नहीं जिन्होंने भयंकर उत्पीड़न सहा है, बल्कि सारे हिंदू समाज को व्यथित करनेवाली परिस्थितियाँ हैं । वहाँ बलात धर्म-परिवर्तन करवाया जा रहा है, हमारी श्रद्धा और आस्था के केंद्र मंदिरों-गुरुद्वारों को ध्वस्त किया जा रहा है, हमारी बहन, बहू- बेटियों की अस्मिता पर निरंतर कुदृष्टि पड़ रही है।इन वीभत्स और हृदयविदारक दृश्यों को हर हिंदू को जानना चाहिए, ताकि वे पाकिस्तान में नारकीय जीवन जी रहे हिंदू भाइयों के प्रति सहानुभूति रख सकें और उनके सम्मानजनक भविष्य को सुनिश्चित करने में किंचित्] योगदान भी कर सकें.