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LANKA KI RAJKUMARI

- Kane, K: LANKA KI RAJKUMARI

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 370 sider

Beskrivelse

लंका की राजकुमारी 'हां, में राक्षसी हूं!' मीनाक्षी ने चीखकर कहा। उसकी आंखें चमक रही थीं। उसने अपनी माँ को नाखून दिखाते हुए कहा, 'इन्हें देखा है? यदि किसी ने मुझे चोट पहुंचाई तो मैं उसे अपने नाखून से घायल कर दूंगी। मैं शूर्पणखा हूं!' रावण की प्रसिद्द बहन शूर्पणखा को सामान्य तौर पर कुरूप, जंगली, निर्दयी और निज माना जाता है। लक्ष्मण ने क्रोधवश शूर्पणखा की नाक काट दी थी। शूर्पणखा ने युद्ध का आरंभ किया, परंतु क्या सचमुच वह युद्ध आरंभ करने की दोषी थी? अथवा वह केवल परिस्तिथियों की शिकार थी? वह 'लंका की राजकुमारी' थी, या लंका के विनाश का कारण? शूर्पणखा का अर्थ है, एक ऐसी स्त्री जो नाखून की भांति कठोर हो। उसके जन्म का नाम मीनाक्षी था, अर्थात मछली जैसी सुंदर आंखों वाली। शूर्पणखा, रामायण की ऐसी पात्र है जिसे सदा गतल समझा गया है। वह उन भाइयों की छत्र-छाया में बड़ी हुई, जिनकी नियति में युद्ध लड़ना, जीतना तथा ख्याति व प्रतिष्ठा अर्जित करना लिखा था। परन्तु इस सबके विपरीत शूर्पणखा के जीवन का मार्ग पीड़ा और प्रतिशोध से भरा था। शूर्पणखा को राम और रावण के बीच घटनाओं को चालाकी से नियोजित करने का दोषी माना जाता है, जिसके फलस्वरूप राम व रावण में युद्ध हुआ और शूर्प&

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Detaljer
Størrelse og vægt
  • Vægt440 g
  • Dybde2,2 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    12,9 cm
    19,8 cm

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