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Kapal Kundla

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 130 sider

Beskrivelse

खेत में बीज पड़ जाए तो वह अपने आप अंकुरित हो जाता है। जब बीज अंकुरित होता है, तब कोई जान नहीं पाता- कोई देख नहीं पाता। किन्तु एक बार बीज पड़ जाए और बीज डालने वाला कहीं भी क्यों न रहे धीरे-धीरे अंकुर से वृक्ष सिर ऊँचा कर खड़ा हो जाता है। शुरू में वृक्ष उंगली बराबर होता है, जिसे देखकर भी कोई देख नहीं पाता। क्रमशः वह तिल-तिल बढ़ता जाता है और फिर वृक्ष आधा हाथ, एक हाथ, दो हाथ के बराबर हो जाता है। तब भी अगर उससे किसी की स्वार्थ-सिद्धि की संभावना न रहे तो उसकी ओर कोई देखता नहीं या देखकर भी नहीं देखता। - बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

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Detaljer
  • SprogHindi
  • Sidetal130
  • Udgivelsesdato25-06-2021
  • ISBN139789390963171
  • Forlag Prabhakar Prakshan
  • FormatPaperback
  • Udgave0
Størrelse og vægt
  • Vægt158 g
  • Dybde0,7 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    13,9 cm
    21,5 cm

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