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Beskrivelse
कलयुग में राम के आगमन के लिए उत्सुक है जन मानस जो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं जिनका चरित्र संसार का मार्ग दर्शक है राम राज्य की स्थापना सभी का संकल्प है जिसमें राजा और जनता एक ही नियम और कानून पर चलते हैं बुराई के रावणों को मिल कर हराते हैं आदर्श विभीषणों को राज्यभार और हनुमानों को कार्यभार सौंपते हैं आइये श्री राम चरण स्पर्श कर भ्रम, भय, आलस, निंदा और अज्ञान छोड़ कर राम के क़दमों पर चलें और अपने सारे कर्म उन्हें सौंप कर, उनके स्वाभाव की परम शांति पाएं महलों में राजा राम और वनांचलों में रानी सीता की कर्मठता सीखने के लिए पढ़ें यह पुस्तक "श्री राम चरण स्पर्श"