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Jindaginaama

- Daksh, P: Jindaginaama

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 132 sider

Beskrivelse

इस संकलन में मैंने सभी कुछ शामिल किया है जिन्दगी से जुड़ी कवितायें, बाल कवितायें, हास्य कवितायें, त्रिवेणी, ग़ज़ल, सीपिकाएँ, हाइकु, वर्ण पिरामिड और कहानियाँ। जिन्दगी से मैंने जो सीखा, देखा और महसूस किया उन सब का निचोड़ है 'जिंदगीनामा'। 'फुर्सत', 'मैं आजाद हूँ', 'बीते हुए पल', 'आ ना सखी', 'तरीके', 'बचपन', 'शाम', 'फरमान', 'अक्षर' और 'कश्मकश' में अपने दिल की कही है। कान्हा के बिना तो ये दुनिया अधूरी है तो मेरी किताब कैसे पूरी हो सकती है उनके बिना। 'श्याम रंग', 'केशव सखा' और 'वसंत आयो री' कान्हा को समर्पित हैं। समाज के पहलुओं को छूती मेरी रचनाएँ 'कालू', 'हरिजन', 'गौरैय्या', 'कठपुतली', 'बंधुआ', 'डाकिया', 'घर', 'मौत', 'ओ.पी.डी', 'गरीब', 'दंगे', 'भ्रम', 'दर्पण', 'दरियां', 'हिंसा', 'सिग्नल' और 'चेहरे' मेरे दिल के बेहद करीब हैं। बच्चों के लिए इस बार कुछ खट्टी मीठी गुदगुदाती कवितायें भी ले के आई हूँ 'मिठाई', 'गर्मी की छुट्टी', 'सर्दी के दिन', 'अनपढ़ बन्दर', 'शरारत' और 'एग्जाम'। उम्मीद करती हूँ बच्चों के साथ आप सबको भी पसंद आएंगी। हास्य के बिना जीवन सूना है, तो दोस्तों इस बार कुछ हास्य रचनाएँ भी आपके सम्मुख है 'कीर्तन', 'रेल यात्रा', 'श्रृंगार रस', 'शिकायत', और 'अफसर'। कुछ ग़ज़ल, कुछ त्रिवेणियां, हाइकु, पिरामिड और सीपिकाएँ से सजी है ये कित&

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Detaljer
Størrelse og vægt
  • Vægt177 g
  • Dybde0,7 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    14 cm
    21,6 cm

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