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Jeevan saral nahi hai

- Mohapatra, M: Jeevan saral nahi hai

Bog
  • Format
  • Bog, paperback
  • Hindi
  • 158 sider

Beskrivelse

जीवन सरल नहीं है जीवन में हर मोड पर मुश्किल आती रहती है यह कभी आता है किसी को कुछ भी पता नहीं चलता है पैसे हो या ना हो कुछ भी कह नहीं सकते हैं हां मगर पैसे न हो तो कोई साथ नहीं देता है चाहे कितने भी अपने क्यूं ना हो खुद के लिए पैसे जरूर कमाना है तब जीने का मजा आता है लेखक के बारे में दो शब्द मंजुलता मोहापात्र पिछ्ले 30 सालो से साहित्य के क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय है । उनके द्वारा। लिखे गए 14 किताब प्रकाशित हुए हैं । वो हिन्दी, अँग्रेज़ी, मराठी, ओडिआ भाषा में लिखती है । हाल ही में उनके द्वार। लिखे गए उड़िया में गुरु माँ प्रकाशित हुआ है ।

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Detaljer
  • SprogHindi
  • Sidetal158
  • Udgivelsesdato18-04-2023
  • ISBN139789394670921
  • Forlag Paper Towns
  • Nummer i serien429
  • FormatPaperback
  • Udgave0
Størrelse og vægt
  • Vægt176 g
  • Dybde0,9 cm
  • coffee cup img
    10 cm
    book img
    12,9 cm
    19,8 cm

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