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Beskrivelse
अपराजिता कहानी संग्रह के बारे में कुछ शब्द - "अपराजिता" नारी शक्ति की पहचान..., नारी के महान रूप को उजागर करती किताब। नारी मन से निकलते और फिर तेज़ी से पिघलते शब्द... कब, कहाँ और किससे कहे नारी? कहे भी क्या? वो तो खुद ..... अपनी पीड़ा ही की दीवानी।। घूट - घुट कर हर दर्द सहती है और उसी को अपना भाग्य समझने लगती है। "अपराजिता" कहानी संग्रह लिखने का मुख्य उद्देश्य यही है कि एक औरत बहुत कुछ सहती है। अपने लिए नहीं बल्कि दूसरो के लिए जीती है, पर मुँह से कुछ नहीं बोल पाती। अपने शब्दों को अपने अंदर ही घोलकर पी जाती है।