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Beskrivelse
लेखक की कलाम से 'अपूर्व एक पूर्व का बदलाव' उपन्यास प्रिय पाठको को समर्पित करते हुए मुझे असीम प्रसन्नता हो रही है। पाठक का प्रेम ही एक लेखक ने बराबर लिखते रहने के लिए प्रेरित करता है। मेरा सोभाग्य है कि पाठको का प्रेम मुझे बराबर मिल रहा है। माँ सरस्वती कि कृपा, मातापिता के आशीर्वाद ओर बड़े भाई साहब व बड़ी बहिना के उत्साहवर्धन से ही मैं इस मंजिल तक पहुंचा हूँ। मेरी यही कोशिश रहती है कि मैं साहित्य कि गरिमा बनाये रखते हुए अपनी रचनाओ मे साफसुथरी ओर सभ्य भाषा का उपयोग करूँ जिससे एक सभ्य समाज का निर्माण हो। इस मे मैं कितना सफल हुआ हूँ इसका निर्णय तो पाठक ही कर सकते है। उपन्यास 'अपूर्व एक पूर्व का बदलाव' मे मैंने समाज कि कुछ रूढ़िवादी परम्पराओ का खंडन करते हुए पुराने ओर नये समाज कि विचारधारों के बीच सामंजस्य बैठाने कि कोशिश करी है। यह उपन्यास दर्शाता है कि व्यक्ति को अपने संकल्प पर धैर्य, निष्ठा ओर समर्पण के साथ निरंतर कार्य करना ही सफलता कि कुंजी है। मैं इस बात पर विश्वास रखता हूँ कि कम लिखू मगर ऐसा लिखू कि पाठक एक बार नही बार बार पढे ओर मेरा उत्साह लिखने के प्रति चौगुना हो जावे। आखिर मे इस पुस्तक के प्रकाशन मे पिता श्री ओमप्रकाश जी टाक, बड़